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source: hi.gadgets360.com |
ओप्पो ने अपने लेटेस्ट स्मार्टफोन Oppo F5 के साथ भी कुछ ऐसा ही किया है। इस फोन की डिज़ाइन कंपनी की एफ सीरीज़ के खास फ्रंट कैमरे वाले फीचर पर भी हावी हो गई है।
शायद इसमें चौंकाने वाला कुछ भी नहीं है, क्योंकि यह बदलाव साफ ज़ाहिर है। ज़्यादातर लोग पहली नज़र में इसी फीचर के कारण फोन से आकर्षित होंगे। चाहे आपको इस फोन का कोई भी फीचर पसंद आए। लेकिन हम इसकी टेस्टिंग हर पैमाने पर करेंगे।
Oppo F5 डिज़ाइनजिन कंपनियों ने 18:9 आस्पेक्ट रेशियो वाले बड़े डिस्प्ले देने शुरू किए हैं, वे कहीं ना कहीं पूरी तरह ना के बराबर बॉर्डर वाले फोन बनाने से चूक जाते हैं। ओप्पो एफ5 भी इनमें से एक है। किनारों पर ना के बराबर मेटेरियल है। लेकिन रिव्यू यूनिट सफेद रंग का होने के कारण बचे हुए मेटेरियल साफ नज़र आते हैं। डिस्प्ले के ऊपर और नीचे का हिस्सा अब भी पुराने फोनों की याद दिलाता है।खासकर फ्रंट कैमरे वाला हिस्सा जो ईयरपीस के बगल में है।
हमें उन कंपनियों की यह रणनीति बिल्कुल नहीं पसंद है जो फोन के साथ प्लास्टिक स्क्रीन प्रोटेक्टर पहले से देते हैं। ग्राहकों के लिए यह अच्छा है, क्योंकि उन्हें फिट होने वाले स्क्रीन प्रोटेक्टर खरीदने से छुट्टी मिल जाती है। लेकिन हमारे हिसाब से यह फोन की लुक को खराब करता है। "बॉर्डरलेस" इफेक्ट, प्लास्टिक के अतिरिक्त लाइन के कारण कहीं खो जाता है। कुछ ऐसा ही ओप्पो एफ5 के साथ होता है।
रियर हिस्सा गोल्ड रंग का है, वो भी मैट मेटालिक टेक्सचर के साथ। कई बार यह गुलाबी रंग का लगता है, जो कि रोशनी पर ही निर्भर है। चमकीला क्रोम रिंग फोन के किनारे पर है, जहां पर मेटल बैक और सफेद रंग वाले फ्रंट पैनल की मुलाकात होती है। फोन में आईफोन 7 के स्टाइल वाला एंटीना लाइन भी है। आम तौर पर यह फोन दिखने में काफी अच्छा है, लेकिन हमारे हिसाब से यह फोन काले रंग में बेहतर दिखेगा।
दायीं तरफ आपको पावर बटन के साथ डुअल सिम ट्रे मिलेगा। वहीं, बायीं तरफ वॉल्यूम बटन मौज़ूद हैं। टॉप पर माइक पिनहोल के अलावा कुछ भी नहीं है। वहीं, निचला हिस्सा भरा-भरा सा है। यहां पर 3.5 एमएम ऑडियो सॉकेट, माइक्रो-यूएसबी पोर्ट, माइक और स्पीकर ग्रिल मिलेगा। पिछले हिस्से पर मौज़ूद फिंगरप्रिंट सेंसर तक पहुंचना आसान है। अफसोस कि रियर कैमरा उभार वाला है और इसके मेटल किनारे थोड़ा खुरदरा हैं।
7.5 मिलीमीटर मोटाई वाला Oppo F5 पतला लगता है और 152 ग्राम वज़न भी बहुत ज़्यादा नहीं है। रियर हिस्से के टेक्सचर के कारण फोन को हाथों में पकड़ने में दिक्कत नहीं होती। स्क्रीन साइज़ के कारण आप अपने अंगूठे से डिस्प्ले के हर कोने तक नहीं पहुंच सकेंगे। फोन की स्क्रीन बहुत बड़ी है। लेकिन इस्तेमाल करने का अनुभव अच्छा है।
Oppo F5 के स्पेसिफिकेशन और सॉफ्टवेयर
स्क्रीन में एक किनारे से दूसरे किनारे की दूरी 6 इंच की है। लेकिन इसमें भी कोई दोमत नहीं है कि यह पुराने दिनों के फैबलेट की तुलना में बेहद ही कॉम्पेक्ट है। इसका रिज़ॉल्यूशन 1080x2160 पिक्सल है। ऐसा फुल-एचडी रिज़ॉल्यूशन को 18:9 आस्पेक्ट रेशियो में फिट करने के कारण हुआ है।फोन में मीडियाटेक एमटी6763टी प्रोसेसर का इस्तेमाल किया गया है जिसे हाल ही में लॉन्च किया गया था। प्रोसेसर की सर्वाधिक क्लॉक स्पीड 2.3 गीगाहर्ट्ज़ है। ग्राफिक्स के लिए माली जी71 एमपी2 जीपीयू इंटिग्रेटेड है। ओप्पो एफ5 में एक वक्त पर यूज़र सिर्फ एक सिम से 4जी नेटवर्क इस्तेमाल कर पाएंगे। इसके अलावा अगर आप सिम की पोज़ीशन बदलते हैं तो फोन बार-बार रीबूट होता है जो परेशान करने वाला है।
ओप्पो एफ5 को अभी 4 जीबी रैम और 32 जीबी स्टोरेज के साथ उतारा गया है। कंपनी ने बताया है कि दिसंबर महीने में 6 जीबी रैम और 64 जीबी स्टोरेज वेरिएंट को भी उतारा जाएगा। गौर करने वाली बात है कि 6 जीबी रैम वाला वेरिएंट ब्लैक और रेड कलर में उपलब्ध होगा।
अन्य स्पेसिफिकेशन में 3200 एमएएच बैटरी, 16 मेगापिक्सल रियर कैमरा, 20 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा और अलग माइक्रोएसडी कार्ड स्लॉट शामिल हैं। कनेक्टिविटी के लिए डुअल बैंड वाई-फाई 802.11एन, ब्लूटूथ 4.2 और जीपीएस मौज़ूद है। हमें माइक्रो-यूएसबी पोर्ट देखकर निराशा हुई। इसके अलावा फोन फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट नहीं करता।
ओप्पो के कस्टम स्किन को कलरओएस के नाम से जाना जाता है। यह फोन 3.2 वर्ज़न पर चलता है जो एंड्रॉयड 7.1 पर आधारित है। देखा जाए तो यह बेहद ही विस्तृत कस्टम यूज़र इंटरफेस में से एक है और बहुत पॉलिश्ड भी। कई चीज़ें आईओएस से प्रेरित लगती हैं। सभी ऐप आइकन होम स्क्रीन का हिस्सा हैं। फोटोज़, म्यूजिक, वीडियो, ब्राउज़र, क्लॉक और अन्य ऐप कस्टम अवतार में मौज़ूद हैं। आपको फेसबुक, डब्ल्यूपीएस ऑफिस और अमेज़न शॉपिंग और प्राइम वीडियो ऐप पहले से इंस्टॉल मिलेंगे। वैसे, फोन फ्लिपकार्ट एक्सक्लूसिव है।
सेटिंग्स ऐप स्टॉक एंड्रॉयड से काफी अलग है। ऐसे में आपको कोई भी एक्शन लेने से पहले थोड़ी-बहुत जांच पड़ताल करनी होगी। आपको कई कलरओएस के एक्सक्लूसिव फीचर की भी झलक मिलेगी। इनमें से एक है क्लोन ऐप्स। इस फीचर की मदद से आप कई ऐप को दो आईडी से इस्तेमाल कर पाएंगे।
ओप्पो ने इस फोन में फेस रिकग्निशन सिक्योरिटी फीचर भी दिया है। हम पहले बेहद ही उत्साहित थे, क्योंकि आईफोन X के बाद यह फीचर चर्चा का विषय रहा है। रिव्यू के दौरान हमने पाया कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कई बार फेल हो गई। सेट होने के बाद भी फोन को अनलॉक करने में थोड़ी देरी हो रही थी। आम इस्तेमाल में देखा जाए तो फिंगरप्रिंट सेसर ज़्यादा तेज और नेचुरल है।
Oppo F5 परफॉर्मेंस
इसकी बड़ी स्क्रीन का आदी होने में थोड़ा वक्त लगता है। कभी-कभार ऐप भी पूरी तरह से स्केल नहीं हुए। उदाहरण के तौर पर लैंडस्केप मोड में यूट्यूब वीडियो ऐसे लग रहे थे जैस उन्हें किसी ब्लैक बॉक्स में चलाया जा रहा हो।इसके अलावा डिस्प्ले बेहद ही अच्छा है। यह क्रिस्प और ब्राइट है। कलर्स पंची हैं और व्यूइंग एंगल बेहतरीन। चाहे कुछ लिखना हो या वीडियो देखना, हमारा अनुभव शानदार रहा। हम इसमें खो से गए। हमारा मानना है कि यह अनुभव ब्लैक वेरिएंट में और भी शानदार रहेगा। मुख्य कमी पहले से दिया गया स्क्रीन प्रोटेक्टर है। इस पर खरोंच के निशान पड़ जाते हैं और ऊंगलियों की छाप पर आसानी से छूटती है।
बिल्ट इन स्पीकर दमदार है। गेम खेलते और वीडियो देखते वक्त साफ और संपूर्ण आवाज़ आती है। साथ में दिया गया हेडसेट भी ठीक-ठाक है। लेकिन बास पूरी तरह से गायब है। कुछ मिनट बाद यह थोड़ा सा अटपटा लगने लगता है।
हॉनर 9आई (रिव्यू) और वीवो वी7 प्लस (रिव्यू) जैसे प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में ओप्पो एफ5 के बेंचमार्क स्कोर बेहतर आए।
16 मेगापिक्सल का रियर कैमरा दिन की रोशनी के साथ रात में भी अच्छी तस्वीरें लेता है। डिटेल की कोई कमी नहीं होती। कलर उपयुक्त मात्रा में होते हैं और कैमरा तेजी से फोकस भी करता है। रात में भी अगर थोड़ी बहुत रोशनी मिल जाती है तो तस्वीरें अच्छी आती हैं। वीडियो भी काफी शार्प रिकॉर्ड होते हैं और अलग-अलग परिस्थितियों में स्मूथ रहते हैं।
Oppo F5 में 20 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा है। कंपनी ने इसमें एआई पावर्ड ब्यूटिफिकेशन मोड होने के बात बताई है। सेल्फी में चेहरे अच्छे आते हैं लेकिन बैकग्राउंड के ऑब्जेक्ट के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता। सोशल मीडिया के लिए आप अच्छी तस्वीरें कैपचर कर पाएंगे। हमारे हिसाब से सेल्फी कैमरे लेने की मुख्य वजह भी यही होती है। सेल्फी केंद्रित फोन होने के बावजूद फ्लैश की गैरमौज़ूदगी चौंकाने वाली लगती है। लेकिन स्क्रीन फ्लैश कुछ हद तक काम करता है। एआई पावर्ड ब्यूटिफिकेशन मोड फेसियल फीचर्स की पहचान करेगा। और ओप्पो ने बताया है कि उसने अलगोरिथम को अलग-अलग किस्म के लोगों पर ट्रेन किया है। ताकि अलग-अलग सब्जेक्ट के लिए अलग-अलग ब्यूटीफिकेशन तकनीक इस्तेमाल हो। हमारे हिसाब से, अलग-अलग स्तर पर ली गई तस्वीरों में कोई खास अंतर नहीं था। शायद यह तकनीक कोई बड़ा बदलाव ना लाती हो, जो इसकी अहम खासियत हो। उम्मीद है कि समय के साथ इसका एआई फीचर और बेहतर होगा।
बैटरी लाइफ भी निराश नहीं करती। हम फोन को करीब डेढ़ दिन तक इस्तेमाल कर सके। इस दौरान थोड़ा गेम भी खेला और वेब ब्राउजिंग भी की। अफसोस कि फोन में क्विक चार्ज सपोर्ट नहीं है। हमारे एचडी वीडियो लूप टेस्ट में बैटरी 11 घंटे 24 मिनट तक चली। स्क्रीन को देखते हुए इसे अच्छा माना जाएगा। निराशा क्विक चार्ज सपोर्ट मौजूद ना होने को लेकर है। बैटरी को 10 फीसदी से 65 फीसदी तक चार्ज करने में करीब 1 घंटा लगा जो ठीक ठाक है।
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हमारा फैसला
ओप्पो ने एफ5 के रूप में एक विनर फोन उतारा है। स्क्रीन बड़ी है और इमर्सिव भी। लुक लुभाने वाली है। बैटरी लाइफ शानदार है। ज़्यादातर टास्क के लिए परफॉर्मेंस भी अच्छी है। कमी फेसियल रिकग्निशन है जो दिखावा ज़्यादा लगता है। इसके अलावा इस प्राइस रेंज के अन्य फोन की तुलना में ओप्पो एफ5 की स्टोरेज भी कम है। इसमें 64 जीबी स्टोरेज होनी चाहिए थी। ओप्पो इसका 6 जीबी रैम और 64 जीबी स्टोरेज वेरिएंट लाएगी, लेकिन कीमत 5,000 रुपये ज़्यादा हो जाएगी।Oppo F5 की सीधी भिड़ंत Vivo V7 Plus और Honor 9i से होगी। लेकिन आपके पास Xiaomi Mi Max 2, Samsung Galaxy J7 Pro और Samsung Galaxy A5 (2017) जैसे विकल्प हैं।
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