असम्भव कुछ भी नहीं

लघु कथा : एक बार की बात है किसी राज्य में एक राजा का शासन था। उस राजा के 2 बेटे थे – अवधेश और विक्रम। एक बार दोनों राजकुमार जंगल में शिकार करने गए। रास्ते में एक विशाल नदी थी। दोनों राजकुमारों का मन हुआ कि क्यों ना नदी में नहाया जाये। यही सोचकर दोनों राजकुमार नदी में नहाने चल दिए। लेकिन नदी उनकी अपेक्षा से कहीं ज्यादा गहरी थी। विक्रम तैरते तैरते थोड़ा दूर निकल गया, अभी थोड़ा तैरना शुरू ही किया था कि एक तेज लहर आई और विक्रम को दूर तक अपने साथ ले गयी।
विक्रम डर से अपनी सुध बुध खो बैठा गहरे पानी में उससे तैरा नहीं जा रहा था अब वो डूबने लगा था। अपने भाई को बुरी तरह फँसा देख के अवधेश जल्दी से नदी से बाहर निकला और एक लड़की का बड़ा लट्ठा लिया और अपने भाई विक्रम की ओर उछाला। लेकिन दुर्भागयवश विक्रम इतना दूर था कि लकड़ी का लट्ठा उसके हाथ में नहीं आ पा रहा था।
इतने में सैनिक वहां पहुँचे और राजकुमार को देखकर सब यही बोलने लगे – अब ये नहीं बच पाएंगे , यहाँ से निकलना नामुनकिन है। यहाँ तक कि अवधेश को भी ये अहसास हो चुका था कि अब विक्रम नहीं बच सकता, तेज बहाव में बचना नामुनकिन है, यही सोचकर सबने हथियार डाल दिए और कोई बचाव को आगे नहीं आ रहा था।
अभी सभी लोग किनारे पर बैठ कर विक्रम का शोक मना रहे थे कि दूर से एक सन्यासी आते हुए नजर आये उनके साथ एक नौजवान भी था। थोड़ा पास आये तो पता चला वो नौजवान विक्रम ही था। अब तो सारे लोग खुश हो गए लेकिन हैरानी से वो सब लोग विक्रम से पूछने लगे कि तुम तेज बहाव से बचे कैसे?
सन्यासी ने कहा कि आपके इस सवाल का जवाब मैं देता हूँ – ये बालक तेज बहाव से इसलिए बाहर निकल आया क्यूंकि इसे वहां कोई ये कहने वाला नहीं था कि “यहाँ से निकलना नामुनकिन है”, इसे कोई हताश करने वाला नहीं था, इसे कोई हतोत्साहित करने वाला नहीं था। इसके सामने केवल लकड़ी का लट्ठा था और मन में बचने की एक उम्मीद बस इसीलिए ये बच निकला।
दोस्तों हमारी जिंदगी में भी कुछ ऐसा ही होता है, जब दूसरे लोग किसी काम को असम्भव कहने लगते हैं तो हम भी अपने हथियार डाल देते हैं क्यूंकि हम भी मान लेते हैं कि ये असम्भव है। हम अपनी क्षमता का आंकलन दूसरों के कहने से करते हैं।
जब कोई टॉपर छात्र किसी कम्पटीशन में फेल हो जाता है तो लोग अक्सर इस तरह की बातें करते हैं –
और बातें सुनकर और देखकर हम खुद के skill कर use ही नहीं करते। हम मान लेते हैं कि हम नहीं कर सकते। तो मेरे दोस्त मैं ये बताना चाह रहा हूँ कि आपके अंदर अपार क्षमताएं हैं, किसी के कहने से खुद को कमजोर मत बनाइये। सोचिये विक्रम से अगर बार बार कोई बोलता रहता कि यहाँ से निकलना नामुनकिन है, तुम नहीं निकल सकते, ये असम्भव है तो क्या वो कभी बाहर निकल पाता? कभी नहीं……. उसने खुद पे विश्वास रखा, खुद पे उम्मीद थी बस इसी उम्मीद ने उसे बचाया।
मेरे दोस्त Impossible भी खुद कहता है कि I m possible और ये बात हम हजारों बार पढ़ चुके हैं लेकिन मानने को तैयार नहीं। सब कुछ जानते हुए भी हम इस Impossible से हमेशा डरे रहते हैं और इसी की सीमा में रहकर जिंदगी गुजार देते हैं। तो आज से ही अपने मन की dictionary से ये Impossible शब्द निकाल फेंकिए और दूसरों की बातों को ignore करके अपनी पूरी क्षमता से आगे बढ़िए , ईश्वर आपके साथ है
इस कहानी को केवल पढ़िए नहीं बल्कि इससे सीखिए, इसे अपनी आदतों में लाइए और नींचे कॉमेंट करके हमें जरूर बताएं कि ये आर्टिकल में आपको सबसे खास क्या बात लगी ?
Source: Hindi soch

No comments:

Post a Comment

Technology

Ever noticed white spots on your nails? How do we get them?

The white spots on our nails are called leukonychia. Most of the times these are caused by some injury to the matrix of nails. Just like a b...